हमें अपनी धरती पर प्रत्येक मानवीय कार्य में ‘ सीमाहीनता ‘ की भावना को बढ़ाना होगा। A . P . J . Abdul Kalam
एक बार जब आपका मन, पूर्ण रूप से स्थिर हो जाता, है तब आपकी बुद्धि, मानवीय सीमाओं को पार, कर जाती है।